हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

सीवन संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. सीने का काम । सिलाई ।

२. सीने से पड़ी हुई लकीर । कपड़े के दो टुकड़ों के बीच की सिलाई का जोड़ ।

३. दरार । दराज । संधि ।

४. वह रेखा जो अंडकोश के बीचो- बीच से लेकर मलद्वार तक जाती है ।