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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

सिखर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ शिखर]

१. श्रृंग । दे॰ 'शिखर' । उ॰— अरुन अधर दसननि दुति निरखत, बिद्रुम सिखर लजाने । सूर स्याम आछौ वपु काछे, पटतर मेटि बिराने ।—सूर॰, १० ।१७५६ ।

२. मुकुट का किरीट ।

सिखर ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ शिक्य + धर] दे॰ 'सिकहर' ।