प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सिंहनाद संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. सिंह की गरज ।

२. युद्घ में वीरों की ललकार । युद्धघोष । रणनाद ।

३. सत्यता के निश्चय के कारण किसी बात का निःशंक कथन । जोर देकर कहना । ललकार के कहना ।

४. एक प्रकार का पक्षी ।

५. एक वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में सगण, जगण, सगण, सगण और एक गुरु होता है । कलहंस । नांदिनी । उ॰—सजि सी सिंगार कलहंस गती सी । चलि आइ राम छवि मंडप दीसी ।

६. संगीत में एक ताल ।

७. शिव का एक नाम ।

८. बौद्ध- सिद्धांतपरक ग्रंथों का पाठ (को॰) ।

९. एक असुर (को॰) ।

१०. रावण के एक पुत्र का नाम ।

सिंहनाद गुग्गुल संज्ञा स्त्री [सं॰] एक यौगिक औषध जिसमें प्रधान योग गुग्गुल का रहता है ।