प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सारिका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. मैना नामक पक्षी । दे॰ 'मैना' । उ॰—बन उपवन फल फुल, सुभग सर शुक सारिका हंस पारावत ।—सूर (शब्द॰) ।

२. सारंगी, सितार, वीण आदि तंत्र वाद्यों का ऊँचा उठा हुआ वह भाग जिसके ऊपर से होकर तार जाता है । घुड़िया । घोरिया (को॰) ।

३. चांडाल वीणा (को॰) ।

४. विश्वस्त व्यक्ति । चर (को॰) ।