सामीप्य
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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन
शब्दसागर सम्पादन
सामीप्य संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. समीप होने का भाव । निकटता ।
२. एक प्रकार की मुक्ति जिसमें मुक्त जीव का भगवान् के समीप पहुँच जाना माना जाता है । उ॰—निर्बान मारग को जो कोई ध्यावै, सो सामीप्य मुक्ति बैकुंठ को पावै ।—कबीर सा॰, पृ॰ ९०५ ।
३. पड़ोस ।
४. पड़ोसी । प्रतिवेशी ।