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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

सवाई ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ सवा + ई (प्रत्य॰)]

१. ऋणा का एक प्रकार जिसमें मूल धन का चतुर्थाश ब्याज में देना पड़ता है ।

२. जयपुर के महाराजाओं की एक उपाधि ।

३. मूत्रयंत्र संबंधी एक प्रकार का रोग ।

सवाई ^२ वि॰

१. एक और चौथाई । सवा ।

२. किसी से वीस या और अधिक बढ चढ़कर उ॰— सीसनि टिपारे, उपवीत, पीत पट कटि, दोना बाम करनि सलोने भे सवाई हैं । — तुलसी ग्र॰, पृ॰३०५ ।