प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सलाम संज्ञा पुं॰ [अ॰] प्रणाम करने की क्रिया । प्रणाम । बंदगी । आदाब । मुहा॰— दूर से सलाम करना = किसी बुरी वस्तु के पास न जाना । किसी बुरे आदमी से दूर रहना । जैसे, — उनको तो हम दूर ही से सलाम करते हैं । सलाम है = हम दूर रहना चाहते हैं । बाज आए । जैसे, -अगर उनका यही रंग ढंग है, तो फिर हमारा तो यहीं से उनको सलाम है । सलाम लेना = सलाम का जवाब देना । सलाम कबूल करना । सलाम देना = (१) सलाम करना । (२) सलाम कहलाना । सलाम करके चलना = किसी से नाराज होकर चलना । अप्रसन्न होकर बिदा होना । सलाम फेरना = नमाज खतम करना । (२) किसी से अप्रसन्न होकर उसका प्रणाम न स्वीकार करना । यौ॰— सलाम अलैक या सलाम अलैकम = अभिवादन । सलाम । तुम सलामत रहो, तुमपर सलामती हो इस प्रकार परस्पर अभिवादन । सलामो पयाम = (१) किसी का प्रणाम और संदेश आना या भेजना । (२) विवाह की बातचीत ।