प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सर्व ^१ वि॰ [सं॰] सारा । समग्र । अखिल । सकल । सब । समस्त । तमाम । कुल । यौ॰—सर्पकांचन = पूरा सोने का बना हुआ । सर्वकाम्य = (१) जिसकी प्रत्येक व्यक्ति इच्छा करे । (२) सर्वप्रिय । सर्वकृत् = सर्वोंत्पादक । ब्रम्हा । सर्वकृष्ण = अत्यंत काला । सर्वक्षय = संपूर्ण प्रलय या विनाश । सर्वक्षित् = जो सब में हो । सर्वजन = सब लोग । सर्वज्ञाता = सब कुछ जाननेवाला । सर्वत्याग = संपूर्ण का त्याग । सर्वपति, सर्वप्रभु = सबका स्वामी । सर्वप्राप्ति = सब कुछ प्राप्त होना । सर्वभयंकर = सबको भय पैदा करनेवाला । सर्वभोगीन, सर्वभोग्य = जिसका उपभोग सभी कर सकें । जो सबके लिये भोग्य हो । सर्वमंगल = सबके लिये मंगलकारक या शुभ । सर्वमहान् = सर्वश्रेष्ठ ।

सर्व ^२ संज्ञा पुं॰

१. शिव का एक नाम ।

२. विष्णु का एक नाम ।

३. पारा । पारद ।

४. रसौत ।

५. शिलाजतु । सिलाजीत ।

६. एक मुनि का नाम (को॰) ।

७. जल (को॰) ।

८. एक जनपद (को॰) ।

सर्व ^३ संज्ञा पुं॰ [अ॰] एक वृक्ष । दे॰ 'सरो' [को॰] ।