सर्प

संज्ञा

पु.

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

सर्प संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ सर्पिणी]

१. रेंगना ।

२. साँप । यौ॰—सर्प्रकंकलिका= दे॰ 'सर्पकंकाली' । सर्प कोटर = साँप का बिल । सर्पदंश = साँप का काटना । सर्पदष्ट = (१) वह जिसे साँप ने काटा हो । सर्प द्वारा दष्ट । (२) साँप का काटना । सर्पधारक = सँपेरा । सर्पनामा = दे॰ 'सर्पकंकाली' । सर्पनिर्मीचन =केचुल । सर्पफण, सर्पफणा = साँप का फन । सर्पबलि = साँपों को दी जानेवाली बलि या उपहार । सर्पभृता = पृथ्वी ।

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