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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

सरब पु † वि॰ [सं॰ सर्व] दे॰ 'सर्व' । उ॰— एही दरबार है गरब ते सरब हानि, लाभ जोग छेम को गरीबी मिसकीनता । — तुलसी ग्रं॰, पृ॰ ५८९ । यौ॰—सरबबियापी = सर्वव्यापी ।