समिंधन संज्ञा पुं॰ [सं॰ समिन्धन] (आग, दीया आदि) प्रज्वलित करना । सुलगाना । २. ईंधन । ३. शोथ, सूजन या उभाड़ आदि का कारण [को॰] ।