समस्या
संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
समस्या संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. संघटन ।
२. मिलाने की क्रिया । मिश्रण ।
३. किसी शलोक या छंद आदि का वह अंतिम पद या टुकड़ा जो पूरा श्लोक या छंद वनाने के लिये तैयार करके दूसरों को दिया जाता है और जिस के आधार पर पूरा श्लोक या छंद बनाया जाता है । क्रि॰ प्र॰—देना ।—पूर्ति करना ।
४. कठिन अवसर या प्रसंग । कठिनाई । जैसे,—इस समय तो उनके सामने कन्या के विवाह की एक बड़ी समस्या उपस्थित है ।