प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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समर्पण संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. किसी को कोई चीज आदरपूर्वक भेट करना । प्रतिष्ठापूर्वक देना । जैसे,—वे यह पुस्तक किसी राजा या रईस को समर्पण करना चाहते हैं ।

२. दान देना । जैसे— आत्मसमर्पण करना ।

३. स्थापित करना । स्थापना ।

४. नाटक में पात्रों द्वारा पारस्परिक भर्त्सना (को॰) ।