प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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समर पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्मर] काम के देवता । कामदेव ।

समर ^२ संज्ञा पुं॰ [अ॰]

१. अच्छे कामों का सुफल । सत्कर्म का फल ।

२. सुंदर फल । अच्छा फल, मेवा आदि (को॰) ।

समर ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰] युद्ध । संग्राम । लड़ाई । उ॰—सूर समर करनी करहि कहि न जनावहिं आप ।—मानस, १ ।२७४ । यौ—समरकर्म=लड़ाई का काम । समरक्षिति । समरभू= युद्धभूमि । समरविजयी । समरव्यसनी=युद्धप्रिय । समर- शूर=योद्धा ।