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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

सप्तार्चि ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. अग्नि । सप्तांशु ।

२. शनि ।

३. चित्रक वृक्ष । चीता ।

सप्तार्चि ^२ वि॰

१. जो देखने में सुंदर न हो । कुरूप । बेडौल । भद्दा ।

२. सात जिह्वा या अर्चिष् से युक्त [को॰] ।