प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सपना पु † ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ लपन] कहना । बोलना ।

सपना ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्वप्न]

१. वह दृश्य जो निद्रा की दशा में दिखाई पड़े । नींद में अनुभव होनेवाली बात ।

२. निद्रा की दशा में दृश्य देखना । मुहा॰—सपना होना = देखने को भी न मिलना । दुर्लभ हो जाना ।

सपना पु ^२ क्रि॰ अ॰ [सं॰ सर्पण, प्रा॰ सप्पण] चलना । गतिशील होना । उ॰—लय षग्ग रमक्किय प्रेत दिसं, बर बीर सु मंडिय चित्त रस । अविलंध करी सकरं विपनं, रिपु थान सपंत सु भै न मनं ।—पृ॰ रा॰, १ ।५३० ।