सदका
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनसदका संज्ञा पुं॰ [अ॰ सद्कह]
१. वह वस्तु जो ईश्वर के नाम पर दी जाय । दान ।
२. वह वस्तु जो किसी के सिर पर से उतार कर रास्ते में रखी जाय । उतारन । उतारा । क्रि॰ प्र॰—उतारना ।—करना । यौ॰—सदके का कौआ = कुरूप और काला कलूटा आदमी । सदके की गुड़िया = अत्यंत भद्दी और कुरूप औरत ।
३. निछावर । बलि । मुहा॰—सदके जाऊँ = बलि जाऊँ । (मुसल॰) ।