प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सतानेवाला । उ॰—प्राननि प्रान हौ, प्यारे सुजान हौ, बोलौ इते परपीरक हौ क्यों ।—घनानंद, पृ॰ १२१ ।