सतलोक
सतलोक का अर्थ है पूर्ण परमेश्वर का निवास स्थान, जो स्वर्ग और नरक से भी ऊपर है, जहां जाने के बाद आत्मा लौटकर कभी संसार में नहीं आती,
सत्यलोक,
सचखंड ,
सुन्न मंडल
अमरलोक।
मुहावरा
सम्पादनपूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) ने नीचे के तीन और लोकों (अगमलोक, अलख लोक, सतलोक) की रचना शब्द (वचन) से की।
संक्षिप्त विवरण
सम्पादनसतलोक वह स्थान है जहां केवल सतभक्ति करके मोक्ष प्राप्त करने वाली आत्मा ही पहुंच पाती है।
सतलोक का वर्णन कबीर सागर में 25वां अध्याय ‘‘अमर मूल‘‘ पृष्ठ 191 पर है। यहाँ पर सतलोक के बारे में विस्तार से वर्णन है।