प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सज्जी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ स्वर्जि, सर्जिका] एक प्रकार का प्रसिद्ध क्षार जो सफेदी लिए हुए भूरे रंग का होता है । विशेष—सज्जी दो प्रकार की होती है । एक वह जो मालावार की ओर बनाई जाती है । इसमें बड़ी बड़ी खाइयाँ खोदकर उनमे वृक्षों की शाखाएँ और पत्ते आदि भरकर आग लगा देते हैं । जब वे जलकर जम जाते हैं, तब उनकी राख को खारी कहते हैं । इसी खारी से भूमि में सज्जी बनाते हैं । दूसरे प्रकार की सज्जी खार (क्षार) वाली जमीन में होती है । खार के कारण भूमि फूल जाती है और उसी फूली हुई । मिट्टी को सज्जी कहते हैं । वैद्यक के अनुसार सज्जी गरम, तीक्ष्ण और वायुगोला, शूल, बात, कफ, कृमिरोग आदि को शांत करनेवाली मानी जाती है ।