प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सजल ^१ वि॰ [सं॰]

१. जल से युक्त या पूर्ण । जिसमें पानी हो ।

२. अश्रुपूर्ण (नेत्र) । आँसुओं से पूर्ण (आँख) । उ॰—लोचन सजल मकरंद भरे अरविंद खुली खुले बूँदपति मधुप किशोर की ।—काव्यकलाधर (शब्द॰) । यौ॰—सजलनयन, सजलनेत्र = आँसूभरी आँखोंवाला ।

सजल पु ^२ वि॰ [सं॰ स + ज्वाल]

१. स्नेहयुक्त । ज्वालायुक्त । जलता हुआ ।

२. दीप्त । प्रकाशित । उ॰—धर नीगुल दोवउ सजल, छाजइ पुणग न माइ ।—ढोला॰, दू॰ ५०६ ।