प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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संकेत संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. अपना भाव प्रकट करने के लिये किया हुआ कायिक परिचालन या चेष्टा । इशारा । इंगित ।

२. प्रेमी प्रेमिका के मिलने का पूर्वनिर्दिष्ट स्थान । वह स्थान जहाँ प्रेमी और प्रेमिका मिलना निश्चित करें । सहेट ।

३. कामशास्त्र संबंधी इंगित । श्रृंगार चेष्टा ।

४. प्रेमी और प्रेमिका द्वारा किया गया निश्चय (को॰) ।

५. परंपरा । करार । ठहराव (को॰) ।

६. व्यवस्था । विधान । शर्त (को॰) ।

७. चिह्न । निशान ।

८. पते की बातें । उ॰—सरुष जानकी जानि कपि कहे सकल संकेत । दीन्हि मुदिका लोन्हि सिय प्रीति प्रतीति समेत ।—तुलसी (शब्द॰) ।

९. न्याय, व्याकरण आदि में एक वृत्ति । यह शब्द या पद इस प्रकार का अर्थबोधन करे यह संकेत या इच्छा (को॰) । यौ॰—संकेतकेतन, संकेतगृह, संकेतनिकेत, संकेतनिकेतन, संकेत- भुमि, संकेतस्थल, संकेतस्थान = प्रेमी प्रेमिका का मिलन स्थान । सहेट ।

संकेत † वि॰ [हिं॰]

१. दे॰ 'सँकरा' ।

२. दे॰ 'संकेत ^१' ।