संस्तम्भ
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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन
शब्दसागर सम्पादन
संस्तंभ संज्ञा पुं॰ [सं॰ संस्तम्भ]
१. गति का सहसा रोध । एकबारगी रुकावट ।
२. चेष्टा का अभाव । निश्चेष्टता । ठक हो जाना । हाथ पैर रुक जाना ।
३. शरीर की गति का मारा जाना । लकवा ।
४. दृढ़ता । धीरता ।
५. हठ । टेक । जिद ।
६. आधार । टेक । सहारा ।