प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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संस्कार संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. ठीक करना । दुरुस्ती । सुधार ।

२. दोष या त्रुटि का निकाला जाना । शुद्धि ।

३. सजाना । अच्छ े या सुंदर रूप में लाना ।

४. धो माँजकर साफ करना । परिष्कार ।

५. बदन की सफाई । शौच ।

६. मनोवृत्ति या स्वभाव का शोधन । मानसिक शिक्षा । मन में अच्छी बातों का जमाना ।

७. शिक्षा, उपदेश, संगत, आदि का मन पर पड़ा हुआ प्रभाव । दिल पर जमा हुआ असर । जैसे,—जैसा लड़कपन का संस्कार होता है, वैसा ही मनुष्य का चरित्र होता है । ८ पूर्व जन्म की वासना । पिछले जन्म की बातों का असर जो आत्मा के साथ लगा रहता है (यह वैशेषिक के २४ गुणों में से एक है) । जैसे,—बिना पूर्व जन्म के संस्कार के विद्या नहीं आती ।

९. पवित्र करना । धर्म की दृष्टि से शुद्ध करना ।

१०. वे कृत्य जो जन्म से लेकर मरणकाल तक द्विजातियों के संबंध में आवश्यक होते हैं । वर्णधर्मानुसार किसी व्यक्ति के संबंध में होनेवाला विधान, रीति या रस्म । विशेष—द्विजातियों के लिये षोडश या द्वादश संस्कार कहे गए हैं । मनु के अनुसार उनके नाम ये हैं—गर्भाधान, पुंसवन, सीमंतोन्नयन, जातकर्म, नामकर्म, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म, उपनयन, केशांत, समावर्तन और विवाह इनमें कर्णवेध, विद्यारंभ, वेदारंभ और अंत्येष्टि कर्म को गणना करने से इनकी संख्या १६ हो जाती है ।

११. मृतक की क्रिया ।

१२. इंद्रियों के विषयों के ग्रहण से उत्पन्न मन पर जमा हुआ प्रभाव ।

१२. मन द्वारा कल्पित या आरोपित विषय । भ्रांतिजन्य प्रतीति । प्रत्यय । (जैसी जगत् की, जो वास्तविक नहीं है ।) । विशेष—पंच स्कंधों में चौथा स्कंध 'संस्कार' है जो भबबंधन का कारण कहा गया है ।

१३. साफ करने या माँजने का झाँवाँ, पत्थर आदि । झवाँ ।

१४. चमकाना (को॰) ।

१५. व्याकरण की दृष्टि से शब्दों की विशुद्धि (को॰) ।

१६. खाना बनाना । भोग्य पदार्थ तैयार करना (को॰) ।

१७. छाप । प्रभाव (को॰) ।

१८. उपनयन संस्कार । यज्ञोपवीत कर्म (को॰) ।

१९. धार्मिक कृत्य या अनुष्ठान ।

२०. स्मरण शक्ति (को॰) ।

२१. साथ साथ रखना (को॰) ।

२२. पशुओं, पौधों आदि का पालन और रक्षण (को॰) । यौ॰—संस्कारकर्ता=संस्कार करानेवाला । संस्कारज=संस्कार से उत्पन्न होनेवाला । संस्कारनाम=जो नाम संस्कार के समय दिया गया हो । संस्कारपूत=(१) शिक्षा के कारण परिष्कृत । (२) संस्कार द्वारा जो पवित्र किया गया हो । संस्कारभूषण । संस्काररहित=संस्कारहीन । संस्कारवर्जित । संस्कार- विशिष्ट=पाक द्वारा परिष्कृत । जो पाक क्रिया के कारण उत्तम बना हो । संस्कारसंपन्न । संस्कारहीन ।