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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

संवृत ^२ संज्ञा पुं॰

१. वरुण देवता ।

२. गुप्त स्थान ।

३. एक प्रकार का जलवेतस् । एक प्रकार का बेंत ।

४. उच्चारण का एक ढंग (को॰) ।