संवार
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनसंवार संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. आच्छादन । ढाँकना । छिपाना ।
२. शब्दों के उच्चारण में कंठ का आकुंचन या दबाव ।
३. उच्चारण के बाह्य प्रयत्नों में से एक जिसमें कंठ का आकुंचन होता है । 'विवार' का उलटा ।
४. बाधा । रोध । विघ्न । अड़चन ।
५. अपचय । क्षय । ह्रास । घटती (को॰) ।
६. रक्षण । संरक्षण (को॰) ।
७. उपकल्पन । व्यवस्थापन (को॰) ।