हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

संलाप संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. परस्पर वार्तालाप । आपस की बातचीत । प्रेमपूर्ण वार्तालाप या कथोपकथन (को॰) ।

३. गुप्त बातचीत । गोपनीय वार्ता (को॰) ।

४. स्वयं कुछ कहना । प्रिय या प्रिया के गुणों का प्रलपन् (को॰) ।

५. नाटक में एक प्रकार का संवाद जिसमें क्षोभ या आवेग नहीं होता, पर धीरता होती है ।