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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

संभरण संज्ञा पुं॰ [सं॰ सम्भरण] [वि॰ संभरणीय, संभृत]

१. पालन पोषण ।

२. एकत्र करना । संचय । जुटाना ।

३. योजना । विधान ।

४. तैयारी । सामान ।

५. एक प्रकार की ईंट जो यज्ञ की वेदी में लगती थी ।