संधिक
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनसंधिक संज्ञा पुं॰ [सं॰] वैद्यक के अनुसार सन्निपात रोग का एक भेद । विशेष—इस रोग में शरीर की संधियों में वायु के कारण अधिक पीड़ा होती है और कफ, संताप, शक्तिहीनता, निद्रानाश आदि उपद्रव होते हैं । इसका वेग एक सप्ताह तक रहता है ।
1.उद्वेजन] ऊबना ।
2.व्याकुल होना ।
3.दम घटने के कारण घबराना ।