हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

संकीर्तन संज्ञा पुं॰ [सं॰ सङ्कीर्तन] [स्त्री॰ संकीर्तिना] [वि॰ संकी- र्तित]

१. भली भाँति किसी की कीर्ति का वर्णन करना । प्रशंसा करना ।

२. किसी देवता की सम्यक् रुप से की हुई वंदना या भजन नाम आदि जपना ।

३. किसी देवता की स्तुति । स्तवन [को॰] ।