संकित पु वि॰ [सं॰ शङ्कित] दे॰ 'शंकित' । उ॰—(क) साहिब महेस सदा संकित रमेश मोहि, महातप साहस विरंचि लोन्हे मोल हैं ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ १७६ । (ख) तेवरों को देख उन्हें संकित सराहिए ।—प्रेमधन॰, भा॰ १, पृ॰२०१ ।