प्रकाशितकोशों से अर्थ

सम्पादन

शब्दसागर

सम्पादन

संकाश ^१ अव्य॰ [ सं॰ सभ्काश ]

१. समान । सदृश । मिलता जुलाता । (समासंत में) । उ॰— तुषाराद्रि संकाश गौरं गंभीरं । — मानस, ७ ।१०८ ।

२. समीप में । निकट या पास में [ को॰] ।

संकाश ^२ अव्य॰ समीप । निकट । पास ।

संकाश ^३ संज्ञा पुं॰

१. उपस्थिति । मौजूदगी ।

२. पड़ोस । प्रतिवेश । संकास [ को॰] ।

संकाश ^४ संज्ञा पुं॰ [ सं॰ सम्+काश् (=चमकना) ] प्रकाश । चमक । दीप्ति ।