क्रिया

  1. दृढ निश्चय, इरादा
  2. सभा-समिति में किसी विषय में विचारपूर्वक किया हुआ पक्का निश्चय

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

संकल्प संज्ञा पुं॰ [ सं॰ सङ्कल्प ]

१. कार्य करने की वह इच्छा जो मन में उत्पन्न हो । विचार । इरादा ।

२. दान, पुराय या और कोई देवकार्य आरम्भ करने से पहले एक निश्चित मंत्र का उच्चारण करते हुए अपना दृढ़ निश्चय या विचार प्रकट करना ।

३. वह मन्त्र जिसका उच्चारण करके इस प्रकार का निश्चय या विचार प्रकट किया जाता है । विशेष—इस मन्त्र में प्राय: संवत्, मास, तिथि, वार, स्थान, दाता या कर्ता का नाम, उपलक्ष और दान या कृत्य आदि का उल्लेख होता है ।

४. दृढ़ निश्चय । पक्का विचार । जैसे, — मैने तो अब यह संकल्प कर लिया है कि कभी उसके साथ कोई व्यावहार न रखुँगा ।

५. उद्धेश्य । लक्ष्य (को॰) ।

६. विमर्श । ऊहा । कल्पना (को॰) ।

७. मन । हृदय (को॰) ।

८. पति के साथ सती होने की आकांक्षा (को॰) । यौ॰—संकल्पज । संकल्पजन्मा । संकल्पजूति = संकल्प चया कामना द्वारा प्रेरित । संकल्पप्रभव । संकल्पभव । संकल्पमूल = विचार या दृढ इच्छाशक्ति जिसके मूल में हो । संकल्पयोनि । संकल्प- रुप = इच्छा के अनुरुप । संकल्पसम्पत्ति = कामना की पूर्ति । संकल्पसम्भव= (१) संकल्प या विचार से उत्पत्र । (२) कामदेव । संकल्पसिद्ध = विचार मात्र से पूर्ण होनेवाला । संकल्पसिद्धि = उद्देश्य वह सिद्धि जो संकल्प द्वारा पूर्ण हो ।