प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सँवार पु † ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ संवाद या स्मरण] हाल । समाचार । उ॰—पुनि रे सँवार कहेसि अरु दूजी । जो बलि दीन्ह देवतन्ह दूजी ।—जायसी (शब्द॰) ।

सँवार ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ सँवारना]

१. सवारने की क्रिया या भाव ।

२. एक प्रकार का शाप या गाली । विशेष—कभी कभी लोग यह न कहकर कि 'तुम पर खुदा की मार या फटकार' प्रायः 'तुम पर खुदा की सँवार' कह दिया करते हैं ।