सँवाग † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ स्वाँग] रूप बदलना । भेष बदलना । उ॰— भीख लेहि जोगिनि फिर माँगू । केतन पाइय किए सँवागू ।—पदमावत, पृ॰ ६०५ ।