सँवरना ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ सम् √वृ > संवरण ( = व्यवस्थित करना)] १. बनाना । दुरुस्त होना । २. सजना । अलंकृत होना ।
सँवरना पु ^२ क्रि॰ स॰ [सं॰ स्मरण, हिं॰ सुमिरना] याद करना । उ॰—सँवरौं आदि एक करतारू ।—जायसी (शब्द॰) ।