सँझोखे पु संज्ञा स्ञी॰ [सं॰ सन्ध्या] दे॰ संध्या का समय । शाम का वक्त । उ॰—गोप अथाइनि ते उठे गोरज छाई गैल । चलि बलि अलि अभिसारिके भली सँझोखे सैल ।—बिहारी (शब्द॰) ।