प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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षोषण ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ शोषी, शोषित, शोषणीय]

१. जल या रस खींचना । सीखना ।

२. सुखाना । खुश्क करना । तरी या गोलापन दूर करना ।

३. हरापन या ताजापन दूर करना ।

४. घुलाना । क्षीण करना । क्षय करना ।

५. नाश करना । दूर करना । न रहने देना ।

६. कामदेव के एक बाण का नाम ।

७. सोंठ । शुंठि ।

८. श्योनाक वृक्ष । सोनापाठा ।

८. पिप्पली । पीपल ।

१०. एक प्रकार की अग्नि (को॰) ।

११. किसी के श्रम का अनुचित लाभ उठाना (को॰) ।