षट्वांग संज्ञा पुं॰ [सं॰ षट्वाङ्ग] खट्बांग नामक राजर्षि जिन्हें केवल दो घड़ी की साधना से मुक्ति प्राप्त हुई थी । उ॰—एक षट्वांग राजऋषि भयऊ । असुर विजय हित सो दिवि गयऊ ।—रघुराज (शब्द॰) । २. शिव का एक शस्त्र । दे॰ 'खट्वांग ।'