प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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श्रौत्र ^२ संज्ञा पुं॰

१. वेद में दक्षता । वेदज्ञाता । वैदिक वाङमय या कार्यो मे पारंगत होना ।

२. श्रवण । कर्ण [को॰] ।