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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

श्येन संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. शिकरा या बाज नामक प्रसिद्ध पक्षी जो प्रायः छोटे छोटे पक्षियों का शिकार किया करता है । उ॰— शून्याश्रम से इधर दशानन, मानों श्येन कपोती को । हर ले चला विदेहसुता को, भय से अबला रोती को ।—साकेत, पृ॰ ३८४ । पर्या॰—शशघातन । शशाद । शशादन । कपोतारि । क्रूर । वेगी । खगांतक । करग । ग्राहक । लंबकर्ण । नीलपिच्छ । रणप्रिय । रणपक्षी । भयंकर । स्थूलनील । पिच्छवाण । मारक । घातिपक्षी ।

२. दोहे के चौथे भेद का नाम । इसमें १९ गुरु और १० लघु णात्राएँ होती हैं ।

३. पीला रंग । पांडुर वर्ण ।

४. श्वेत वर्ण । सुफेद रंग (को॰) ।

५. धवलिमा । श्वेतता (को॰) ।

६. हिंसा ।