प्रकाशितकोशों से अर्थ

सम्पादन

शब्दसागर

सम्पादन

शिष्टाचार संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. सभ्य पुरुषों के योग्य आचरण । भले आदमियों का सा बरताव । साधु व्यवहार ।

२. आदर । संमान । खातिरदारी ।

३. विनय । नम्रता ।

४. वह अच्छा बरताव जो केवल दिखलाने के लिये किया जाय । दिखावटी सभ्य व्यवहार । जैसे—शिष्टाचार की बात छोड़कर अपने आने का अभिप्राय कही ।

५. आवभगत । जैसे—शिष्टाचार के अनंतर उन्होंने वार्तालाप प्रारंभ किया ।