संज्ञा

  1. पत्थर

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

शिला संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. पाषाण । पत्थर ।

२. पत्थर का बड़ा चौडा़ टुकड़ा । चट्टान । सिल ।

३. मनःशिला । मैनसिल ।

४. कपूर ।

५. शिलाजीत ।

६. गेरू ।

७. नील का पौधा ।

८. हरीतकी । हर्रे ।

९. गोरोचन ।

१०. दूब ।

११. पत्थर की कंकड़ी अथवा बटिया ।

१२. भूमि में पड़ा हुआ एक एक दाना बीनने का काम । उंछवृति । उ॰—बीन्यो शिला क्षुधावश छीना ।—रघुराज (शब्द॰) ।

१३. दे॰ 'शिस' ।

१४. चक्की के नीचे का पाट (को॰) ।

१५. चौखट के नीचे की लकड़ी (को॰) ।

१६. स्तंभ का ऊपरी सिरा (को॰) ।