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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

शिखर संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. सबसे ऊपर का भाग । सिरा । चोटो ।

२. पहाड़ की चोटी । पर्वतश्रृंग ।

३. अग्रमाग ।

४. मंदिर या मकान के ऊपर का निकला हुआ नुकीला सिरा । कंगूरा । कलश

५. मंडप । गुंबद ।

६. जैनियों का एक तीर्थ ।

७. एक अस्त्र का नाम ।

८. एक रत्न जो अनार के दाने के समान सफेद और लाल होता है । उ॰—श्रीफल सकुचि रहे दुरि कानन शिखर हियो बिहरान ।—सूर (शब्द॰) ।

९. कुंद की कली ।

१०. लौंग ।

११. काँख । बगल ।

१२. पुलक । रोमांच ।

१३. उँगलियों की एक मुद्रा जो तांत्रिक पूजन में बनाई जाती है ।

१४. तलवार की नोक (को॰) ।

१५. सूखा तिनका (को॰) ।