प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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शिकार संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰]

१. जंगली पशुओं को मारने का कार्य या क्रीड़ा । आखेट । मृगया । अहेर । जैसे,—शेर का शिकार । क्रि॰ प्र॰—करना । होना ।

२. वह जानवर जो मारा गया हो ।

३. गोश्त । मांस ।

४. आहार । भक्ष्य । जैसे,—बिल्ली का शिकार चूहा ।

५. कोई ऐसा आदमी जिसके फँसने या वश में होने से बहुत लाभ हो । असामी । जैसे,—बहुत दिनों पर आज एक शिकार फँसा है, कुछ मिल ही जायगा । मुहा॰—शिकार आना = (१) मारने के लिये कोई जानवर मिलना । (२) किसी ऐसे आदमी का मिलना जिससे कुछ लाभ हो । शिकार करना = (१) कोई जानवर मारना । (२) किसी से कोई लाभ उठाना । (३) लूटना । शिकार खेलना = शिकार करना । किसी का शिकार होना = (१) किसी के द्वारा या कारण मारा जाना । जैसे,—न जाने कितने आदमी प्लेग के शिकार हुए । (२) वश में आना । फँसना । (३) किसी पर मोहित होना ।