शिकंजा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनशिकंजा संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ सिकंजबीन]
१. दबाने, कसने या निचोडने का यंत्र ।
२. पेंच कसने का यंत्र या औजार जिससे जिल्दबंद किताबें दबाते और उनके पन्ने काटते हैं ।
३. वह तागा जिससे जुलाहे घुमावदार बंद बनाते और पनिक बाँधते हैं । (जुलाहे) ।
४. प्राचीन काल का अपराधियों को कठोर दंड देने के लिये एक यंत्र जिसमें उनकी टाँगे कस दी जाती थीं ।
५. पेरने का यंत्र । कोल्हू ।
६. रुई दबाने की कल । पेंच ।
७. यंत्रणा (को॰) ।
८. पकड़ । दबाव (को॰) । मुहा॰—शिकंजे में खिंचवाना = घोर यंत्रणा दिलाना । साँसत कराना । शिकंजे में खींचना = बहुत कष्ट देना । घोर यंत्रणा पहुँचाना ।