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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

शामल संज्ञा स्त्री॰ [अ॰]

१. बदकिस्मती । दुर्भाग्य ।

२. विपत्ति । आफत ।

३. दुर्दशा । दुरवस्या । क्रि॰ प्र॰—आना ।—में पड़ना या फँसना । मुहा॰—शामत का घेरा या मारा = जिसकी दुर्दशा का समय आया हुआ हो । जिसकी दुर्दशा होने को हो । शामत की मार = अभाग्य । बदकिस्मती । कमबख्ता । शामत सवार होना या सिर पर खेलना = शामत आना । दुर्दशा का समय आना ।