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संज्ञा

स्त्री.

अनुवाद


प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

शांति संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ शान्त]

१. वेग, क्षाभ या क्रिया का अभाव । किसी प्रकार की गीत, हलचल या उपद्रव का न होना । स्थिरता ।

२. नीरवता । स्तब्धता । सन्नाटा ।

३. चित का ठिकान होना । स्वस्थता । चैन । इतमानान । आराम ।

४. राग आदि का दूर होना । मनावेग, पीड़ा, शारीरिक उपद्रव्र या विकार आदि का न रह जाना ।—जैसे,—रागशांति, तापशांति, क्रोधशांति ।

५. जीवन का चेष्टा का रूक जाना । मृत्यु । मरण ।

६. चचलता का अभाव । धारता । गंभीरता । सोभ्यता ।

७. रागदि की निवृत्ति । वासनाआ से छुटकारा । तृष्णा का क्षय । विराग ।

८. एक गोपी का नाम ।

९. दुर्गा ।

१०. अशुभ या अनिष्ट का निवारण । अमंगल दूर करने का उपचार । जैसे,—ग्रहशांति, पापशांति, मूलशांति ।

११. क्षुधातृप्ति । क्षुधानिवृत्ति (को॰) ।

१२. सौभाग्य (को॰) ।

१३. युद्धादि का रूक जाना या न होना (को॰) ।

१४. सांत्वना । ढाढ़स (को॰) ।