प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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शर्त संज्ञा स्त्री॰ [अ॰]

१. दो व्यक्तियों या दलों में होनेवाली ऐसी प्रतिज्ञा कि अमुक बात होने या न होने पर हम तुमको इतना धन देंगे, अथवा तुमसे इतना धन लेंगे । बाजी जिसमें हार जीत के अनुसार कुछ लेन देन भी हो । बाजी । दाँव । बदान । क्रि॰ प्र॰—जीतना ।—बदना ।—बाँधना ।—रहना ।—लगना ।—हारना ।

२. किसी कार्य की सिद्धि के लिये आवश्यक या अपेक्षित होनेवाली बात या कार्य जिसके न होने से उस काम में बाधा उपस्थित हो । जैसे,—मैं चलने के लिये तैयार हूँ; पर शर्त यह है कि आप भी मेरे साथ चलें ।(ख) हम इस शर्त पर रुपया देंगे कि आप उसके जिम्मेदार हों । (ग) उन्होंने कई ऐसी शर्तें लगाई हैं कि जिनके कारण काम होना बहुत कठिन है ।

३. संधि या समझौता आदि के अंगभूत नियम । जैसे,—भारत और रूस की संधि की शर्तें इस प्रकार है । क्रि॰ प्र॰—रखना ।—लगना । मुहा॰—शर्त बदकर सोना=देर तक या लंबी नींद सोना । शर्त बदना या बाँधना=बाजी रखना या लगाना । शर्त होना= शर्त या बाजी करना ।