प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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शमन संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. यज्ञ के लिये होनेवाला पशुओं का बलि- दान ।

२. यम ।

३. एक प्रकार का मृग ।

४. हनन । हिंसा ।

५. शम । शांति । जैसे,—रोग का शमन ।

७. अन्न ।

८. मटर ।

९. वह ओषधि जो वातादि दोषों का वमन, विरेचनादि द्वारा दूर करे । जैसे—गिलोय ।

१०. तिरस्कार

११. आघात । चोट ।

१२. वैद्यक में एक प्रकार का धूम्रपान । विशेष—इस धूम्रपान में इलायची, तगर, कुड़ा, जटामासी, गंधतृण, दालचीनी, तेजपत्ता, नागकेशर, नखी, सरल, बाला, शिलारस आदि कई ओषधियों का मिश्रण किया जाता है, इसका धूआँ नली या सटक आदि के द्वारा पीते हैं । इससे वात आदि दोषों का नाश होना माना जाता है ।

१३. एक प्रकार का वस्ति कर्म जो मोथा और रसांजन आदि मिले हुए दूध से किया जाता है ।

१४. रात्रि । रात ।

१५. शांत करना । बुझाना (को॰) ।

१६. प्रसन्न करना (को॰) ।

१७. अंत । ठहराव । समाप्ति । विनाश (को॰) ।

१८. निगल जाना । चबाना (को॰) ।